Shayari
इजाज़त हो तो लबो पे एक बोसा
इजाज़त हो तो लबो पे एक बोसा
तौर – ऐ- अमानत छोड़ जाऊं मैं
सुना है किसी की अमानत में
खयानत तुम नहीं करते
(बोसा=Kiss)
इंतज़ार ऐ इश्क में
इंतज़ार ऐ इश्क में
बैचैनी का आलम मत पूछो
हर आहट पर लगता है,
वो आये है… वो आये है…
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे
वो नदियाँ नहीं आंसू थे मेरे,
जिस पर वो कश्ती चलाते रहे,
मंजिल मिले उन्हें यह चाहत थी मेरी,
इसलिए हम आंसू बहाते रहे।
रात दिन रुलाता है इंतजार आपका.,
रात दिन रुलाता है इंतजार आपका.,
कभी कम ना हुआ प्यार आपका
अब तो आ जाओ की बहुत उदास है दिल
साँसों की तरह लाजिमी है दीदार आपका
आज जरूरत है जिनकी वो पास नही है
आज जरूरत है जिनकी वो पास नही है
अब उनके दिल मे वो एहसास नही है
तड़पते है हम दो पल बात करने को शायद
अब वक्त हमारे लिए उनके पास नही है.!!
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