Barish Statas
मोहब्बत ओर अगस्त की फितरत एक सी है..!!
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किस मुँह से इल्ज़ाम लगाएं बारिश की बौछारों पर,
हमने ख़ुद तस्वीर बनाई थी मिट्टी की दीवारों पर !!
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बारिश और महोबत दोनों ही यादगार होते हे,
बारिश में जिस्म भीगता हैं और महोबत मैं आँखे
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.मौसम है बारिश का और याद तुम्हारी आती है,
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है,
बादल जब गरजते हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है,
जब तेज हवायें चलती हैं तो जान हमारी जाती है,
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