Sardi ki Shuruwat
जाड़े की धूप
टमाटर का सूप ।।
मूंगफली के दाने
छुट्टी के बहाने ।।
तबीयत नरम
पकौड़े गरम ।।
ठंडी हवा
मुँह से धुँआ ।।
फटे हुए गाल
सर्दी से बेहाल ।।
तन पर पड़े
ऊनी कपड़े ।।
दुबले भी लगते
मोटे तगड़े ।।
किटकिटाते दांत
ठिठुरते ये हाथ ।।
जलता अलाव
हाथों का सिकाव ।।
गुदगुदा बिछौना
रजाई में सोना ।।
सुबह का होना
सपनो में खोना ।।
स्वागत है सर्दियों का आना!!
आपको सर्दी की शुभकामनांए!
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